
सोरायसिस के प्रकार

सोरायसिस के अनेक प्रकार होते हैं एवं उन सब की अनेक अनेक विशेषताएं होती है किसी एक व्यक्ति को एक बार में सिर्फ एक ही प्रकार का सोरायसिस हो सकता है जब किसी व्यक्ति को पहले सोरायसिस हो और फिर बाद में दूसरी तरह का सोरायसिस हो तो पहले वाला स्वता ही समाप्त हो जाता है
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प्लेक सोरायसिस
80% लोग जिनमें सोरायसिस होता है उनमें फ्लेक्स और आईसीसी पाया जाता है इसकी विशेषता यह है कि इसमें त्वचा पर लाल धब्बे पड़ जाते हैं यह घुटनों को बनियों और खोपड़ी तथा कमर पर पाया जाता है
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गुत्तते सोरायसिस
इस तरह का सोरायसिस जवानी में या फिर बचपन में ही शुरू हो जाता है इसमें भी त्वचा पर लाल धब्बे पढ़ते हैं परंतु यह डब्बे गुट्टे लेख सोरायसिस इतने बड़े नहीं होते
यह सोरायसिस खाक में अंदरूनी जग्गू में पाया जाता है इसमें भी बड़े लाल धब्बे होते हैं इसमें त्वचा त्वचा में पसीना आता है और खुजली भी चलती है यह ज्यादातर मोटे लोगों में होता है
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पोस्टलर सोरायसिस
यह सोरायसिस भी ज्यादातर व्यस्क लोगों में पाया जाता है इसमें त्वचा पर सफेद धब्बे पढ़ते हैं जोकि लाल चमड़ी से घिरे होते है यह सोरायसिस ज्यादातर पांव वह हाथों में होता है इसमें होने वाले सफेद धब्बों से फर्श तक निकलने लगता है
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नाखून सोरायसिस
यह सोरायसिस नाखूनों में होता है इसमें नाखून सफेद पड़ जाते हैं टूटने लगते हैं सारे मरीजों में से मिला कि सिर्फ 5% ओं को ही नाखून सोरायसिस की दिक्कत आती है
अन्य सोरायसीस
- सोराइटिक अर्थराइटिस
- सिमेट्रिक आर्थराइटिस
- असयमेट्रिक आर्थराइटिस
- आर्थराइटिस मुटिलान्स